राजस्थान के इन इलाकों में तैयार होंगे 3 नए फोरलेन हाईवे: क्षेत्र के विकास को मिलेगी गति

राजस्थान की जनता के लिए एक बड़ी सौगात आने वाली है। प्रदेश में तीन नए राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन में परिवर्तित करने की योजना बनाई गई है, जिससे यातायात सुगम होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इन हाईवे प्रोजेक्ट्स की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। इन हाईवे का निर्माण न केवल आवागमन को बेहतर बनाएगा, बल्कि राज्य में बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगा।

राजस्थान के इन इलाकों में तैयार होंगे 3 नए फोरलेन हाईवे

सरकार का बड़ा कदम: बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर

राजस्थान सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर काम कर रही है। इस प्रयास में सड़कों, पुलों और हाईवे का निर्माण प्राथमिकता में है। राज्य में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए तीन मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन में बदलने की योजना बनाई गई है।

इन हाईवे के फोरलेन बनने के बाद वाहन चालकों को बेहतर अनुभव मिलेगा। यह कदम न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाओं को भी कम करेगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने डीपीआर तैयार करने और निर्माण कार्य के लिए निविदाएं जारी कर दी हैं।

किन-किन हाईवे पर होगा काम?

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सर्वे रिपोर्ट, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग और यातायात के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए तीन मुख्य हाईवे को फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है। ये हाईवे निम्नलिखित हैं:

  1. लालसोट-कोथून एनएच-23
  2. मनोहरपुर-दौसा एनएच-148
  3. सालासर-नागौर एनएच-58

इन सड़कों पर वर्तमान में केवल दो लेन उपलब्ध हैं, जिससे भारी ट्रैफिक दबाव के चलते कई बार दुर्घटनाएं होती हैं।

लालसोट-कोथून एनएच 23: यातायात का बढ़ता दबाव

लालसोट से कोथून तक के हाईवे पर यातायात का दबाव दिनोंदिन बढ़ रहा है। यह मार्ग केवल दो लेन का है, जिसके कारण यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। 2018 में दौसा-लालसोट खंड को फोरलेन किया गया था, लेकिन कोथून तक का हिस्सा अब भी टू लेन का है।

हाल ही में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का संचालन शुरू होने के बाद इस हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव चार गुना तक बढ़ गया है। कोटा-जयपुर नेशनल हाईवे से दिल्ली जाने वाले वाहन अब कोथून होते हुए इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं।

मनोहरपुर-दौसा एनएच 148: यातायात का नया केंद्र

मनोहरपुर से दौसा तक का यह हाईवे भी व्यस्त मार्गों में से एक है। जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे से आने वाले वाहन अब इस मार्ग से दौसा होते हुए आगे बढ़ते हैं। भांडारेज टोल प्लाजा के जरिए गुजरने वाले वाहनों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

सालासर-नागौर एनएच 58: ग्रामीण और शहरी कनेक्टिविटी

सालासर से नागौर तक का यह हाईवे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। इस पर भी यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसे फोरलेन में परिवर्तित करने से यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।

फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया

इन तीनों हाईवे को फोरलेन में बदलने की प्रक्रिया के तहत डीपीआर बनाने का कार्य जल्द ही शुरू होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो कुछ ही समय में पूरी हो जाएगी।

डीपीआर के निर्माण के बाद निम्नलिखित चरणों में कार्य किया जाएगा:

  1. यातायात सर्वेक्षण: प्रत्येक हाईवे पर वाहनों की संख्या और यातायात के स्वरूप का अध्ययन।
  2. बिडिंग प्रक्रिया: निविदाएं मंगाकर उपयुक्त कंपनियों का चयन।
  3. निर्माण कार्य: फोरलेन निर्माण का कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा।

लाभ: सुगम और सुरक्षित सफर

फोरलेन हाईवे बनने के बाद राजस्थान की जनता को कई लाभ मिलेंगे:

  • यात्रा का समय होगा कम: चौड़ी सड़कें वाहनों की गति बढ़ाने में सहायक होंगी।
  • दुर्घटनाओं में कमी: बेहतर सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण हादसों की संभावना कम होगी।
  • आर्थिक विकास: बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • यातायात का दबाव होगा कम: फोरलेन सड़कों से भारी ट्रैफिक का प्रबंधन आसान होगा।

आने वाले वर्षों में यातायात का अनुमान

विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में इन हाईवे पर यातायात और भी बढ़ने की संभावना है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे जैसे प्रमुख मार्गों से जुड़े होने के कारण इन हाईवे का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

डीपीआर निविदा: प्रक्रिया चल रही है

लालसोट-कोथून एनएच-23, मनोहरपुर-दौसा एनएच-148 और सालासर-नागौर एनएच-58 के लिए डीपीआर की निविदाएं जारी कर दी गई हैं। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। ट्रैफिक सर्वे के आधार पर फोरलेन निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी।

राजस्थान की प्रगति की ओर एक और कदम

यह परियोजना न केवल यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाएगी, बल्कि यह राज्य के समग्र विकास में भी योगदान देगी। बेहतर सड़कें राजस्थान को आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से मजबूत बनाने में सहायक होंगी।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार के इस संयुक्त प्रयास से न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रदेश को तैयार करेगा।

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